🚂 दल्लीराजहरा माइंस: छत्तीसगढ़ की आर्थिक धड़कन

  

🚂 दल्लीराजहरा माइंस: छत्तीसगढ़ की आर्थिक धड़कन

दल्लीराजहरा (Dalli Rajhara) छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में स्थित एक प्रमुख लौह अयस्क खदान क्षेत्र है। यह भिलाई स्टील प्लांट (BSP) के लिए कच्चे माल की मुख्य आपूर्ति करता है और भारत की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।



🗺️ भौगोलिक स्थिति

यह क्षेत्र दल्ली और राजहरा नामक दो कस्बों से मिलकर बना है। यह डोंगरगढ़ और राजनांदगांव के बीच स्थित है और खनन के साथ-साथ रेलवे गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है।

⛏️ खनन की शुरुआत और इतिहास

  • 1958 में SAIL द्वारा यहाँ खनन कार्य शुरू किया गया।
  • यहाँ से आयरन ओर की आपूर्ति भिलाई स्टील प्लांट को की जाती है।
  • इसी उद्देश्य से दल्लीराजहरा–भिलाई रेलवे लाइन भी बनाई गई।
Dalli Rajhara Mines
Dalli Rajhara Mines


🏭 औद्योगिक और आर्थिक महत्व

यह माइंस हजारों लोगों को रोजगार देती है और छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रणाली की रीढ़ है। यह भारत के स्टील सेक्टर को स्थिरता प्रदान करता है।

🌳 पर्यावरणीय प्रभाव

लगातार खनन के कारण वनों की कटाई, जल स्रोतों पर असर और स्थानीय पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

🚉 रेल सेवा और सुरक्षा

दल्लीराजहरा से रायपुर तक की रेल सेवा प्रमुख माल परिवहन मार्ग है। यह क्षेत्र नक्सली गतिविधियों के लिए भी चर्चित रहा है, जिससे सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी रही है।

Dalli Rajhara Railway Station


🧑‍🤝‍🧑 सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान

यहाँ के निवासी मुख्यतः खनन, रेलवे और स्टील इंडस्ट्री से जुड़े हैं। दल्लीराजहरा ने साहित्य, रंगमंच और जन आंदोलनों में भी योगदान दिया है।

📌 निष्कर्ष

दल्लीराजहरा माइंस केवल खनिज का स्रोत नहीं, बल्कि भारत की औद्योगिक कहानी का एक जीवंत अध्याय है। यह क्षेत्र आर्थिक, सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।



लेखक: Dailyviralnewsdalli.in
श्रेणी: छत्तीसगढ़ पर्यटन | अद्भुत भारत
तारीख: 22 अप्रैल 2025




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